jambheshwar rotu
Saturday, 9 March 2013
समराथल धोरे पर पवित्र पहल बनाकर विश्नोई सम्प्रदाय की स्थापना की
जाम्भोजी का जन्म सन् 1451 ई० में नागौर जिले के पीपासर नामक गाँव में हुआ था। ये जाति से पंवार राजपूत थे। इनके पिता का नाम लोहाट जी और माता का नाम हंसा देवी ( केशर ) था । ये अपने माता – पिता की इकलौती संतान थे। अत: माता – पिता उन्हें बहुत प्यार करते थे।जाम्भोजी बाल्यावस्था से मौन धारण किये हुए थे ।तत्पश्चात् उनका साक्षात्कार गुरु से हुआ। उन्होंने सात वर्ष की आयु से लेकर 27 वर्ष की आयु तक गाय चराने का काम किया। माता-पिता की स्वर्गवास के बाद जाम्भोजी ने अपना घर त्याग कर पवित्र समराथल धोरा (बीकानेर) आप पधारे थे / यहाँ आप ने 34 वर्ष की आयु में कार्तिक वादी आठामं (जन्मस्थ्मीं )सन् 1485 (वि सवंत १५४२) के दिन समराथल धोरे पर पवित्र पाहल बनाकर विश्नोई सम्प्रदाय की स्थापना की तथा 51 वर्ष तक वहीं पर सत्संग एवं विष्णु नाम में अपना समय गुजारते रहे।तथा देश विदेशों में धर्म का पर्चार किया. इसका परमान गुरुशब्द शं.29 में उल्लेख किया है
Guru Jambheshwar also known as Jambhoji
Guru Jambheshwar (born 1451 in a remote Rajasthani village Pipasar) also known as Jambhoji, was the founder of the Bishnoi sect. He preached to worship Lord Vishnu. He gave the message that God is a divine power that is everywhere. He also taught to protect Plants and Animals as they are important in order to peacefully coexist with nature.
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